अम्बिकापुर - तीज का पर्व छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और पारिवारिक परंपराओं का प्रतीक है, जो समाज में मातृशक्ति के सम्मान और उनके योगदान को रेखांकित करता है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं।
इस अवसर पर, छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। तीज जैसे अवसर महिलाओं की एकजुटता और उनके उत्साह का प्रतीक हैं।
तीज का पर्व विवाहित महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जो अपने पतियों के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करती हैं,महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और सूर्योदय से चांद्रोदय तक व्रत रखती हैं। तीज पर्व छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और पारिवारिक परंपराओं का प्रतीक है, जो समाज में मातृशक्ति के सम्मान और उनके योगदान को रेखांकित करता है।
राज्य शासन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। आगे मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने तीज मिलन सह सम्मान समारोह में अपने संबोधन में कहा कि तीज का पर्व छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और पारिवारिक परंपराओं का प्रतीक है। उन्होंने महिलाओं की एकजुटता और उनके उत्साह की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
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