रायपुर - राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में 8 दिसंबर 2025 से 12 दिसम्बर 2025 तक पीएम-श्री स्कूल्स टीचर्स’ ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा | 8 दिसम्बर को इसका उदघाटन समारोह आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि डॉ. एन. वी. रमना राव रहे | इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. एन डी लोंढे, डीन (कॉर्पोरेट रिलेशंस एंड रिसोर्स मोबिलाइजेशन) डॉ. एस. सन्याल, डीन (एकेडमिक) डॉ. शुभ्रता गुप्ता, तथा सीईसी (कंटीन्यूइंग एजुकेशन सेल) चेयरमैन डॉ. एस. घोष, फैकल्टी मेम्बर्स और प्रतिभाग उपस्थित रहे। कार्यक्रम समन्वयकों में भौतिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. आयुष खरे, रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. एस. पी. महापात्रा और डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन की प्रोफेसर डॉ. प्रियंका त्रिपाठी शामिल हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. आयुष खरे के स्वागत उद्बोधन से हुई, जिसमें उन्होंने पीएम-श्री प्रशिक्षण पहल का परिचय देते हुए बताया कि आईआईटी, एनआईटी और आईआईएसईआर जैसे संस्थानों में से एनआईटी रायपुर को इस प्रशिक्षण हेतु चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि संस्थान का शैक्षणिक स्तर नवोदय विद्यालयों के समकक्ष है और यह प्रशिक्षण स्कूल से कॉलेज तक छात्रों द्वारा अनुभव किए जाने वाले ज्ञान-अंतर को कम करने में सहायक होगा।
डीन (एकेडमिक) डॉ. शुभ्रता गुप्ता ने शिक्षण को सबसे पवित्र पेशा बताते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण शिक्षकों के ज्ञान और अध्यापन कौशल को और समृद्ध करेगा। डीन (सीआरआरएम) डॉ. सन्याल ने प्रतिभागी शिक्षकों की प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान प्रदान नहीं करते, बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, सावित्रीबाई फुले, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, विनोबा भावे और डॉ. होमी भाभा के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षकों को ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए जहाँ विद्यार्थी बिना किसी भय के प्रश्न पूछ सकें, गलतियाँ कर सकें और सीख सकें। रजिस्ट्रार डॉ लोंढे ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के लिए दूसरे अभिभावक की तरह होते हैं और सामाजिक-भावनात्मक सीख तथा समग्र विकास के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
मुख्य अतिथि निदेशक एन. वी. रमना राव ने प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम हेतु चयनित होने पर बधाई देते हुए कहा कि नवोदय विद्यालय जैसे उत्कृष्ट संस्थान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की प्रभावशीलता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से स्थापित किए गए थे। उन्होंने सुदृढ़ सरंचना , 21वीं सदी के कौशल, पर्यावरणीय स्थिरता तथा प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रभावी नेटवर्क निर्माण के महत्व पर बल दिया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. एस. पी. महापात्रा द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, उन्होंने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रतिभागियों को सफल एवं समृद्ध प्रशिक्षण अनुभव की शुभकामनाएँ दीं।
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