डॉ. नीता बाजपेयी राज्य एन. एस. एस. अधिकारी छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय सुभाषनगर में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

अंबिकापुर -  29 नवंबर 2025 को आज राष्ट्रीय सेवा योजना एवं यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन डॉ. नीता बाजपेयी राज्य एन. एस. एस. अधिकारी छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय सुभाषनगर अंबिकापुर में किया गया।
कार्यशाला का विषय "सुरक्षित पारा सुरक्षित लइकामन 3.0" था। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. राजेंद्र लकपाले कुलपति संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा, अंबिकापुर छत्तीसगढ़, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी कुलसचिव संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा, अंबिकापुर, मुख्य वक्ता के रूप में श्री अभिषेक त्रिपाठी राज्य सलाहकार यूनिसेफ छत्तीसगढ़ उपस्थित हुए।
उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद  के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथियों एवं मुख्य वक्ता का स्वागत जीवंत पौधा एवं श्रीफल से किया गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन दो चरणों में किया गया। प्रथम चरण में विभिन्न जिलों के विद्यालय, महाविद्यालय से आये जिला संगठक एवं कार्यक्रम अधिकारियों का पंजीयन कराया गया, तथा सभी ने स्वल्पाहार किया।

जिसके बाद डॉ. एस. एन पाण्डेय के द्वारा जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि "सुरक्षित पारा, सुरक्षित लइकामन 3.0" एक सामुदायिक जागरूकता अभियान है, जिसका मुख्य उद्देश्य गांव-पाड़ा (पारा) में रहने वाले बच्चों, किशोरों और समुदाय को सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और संरक्षण से संबंधित मुद्दों के प्रति जागरूक करना है।

श्री अभिषेक त्रिपाठी  ने मुख्य पांच विषयों के बारे में चर्चा की, स्वच्छता, पोषण, लैंगिक शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य तथा सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्वच्छता के बारे में बताते हुए कहा कि स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य, पर्यावरण, आर्थिक विकास और सामाजिक प्रतिष्ठा से सीधे जुड़ी है।

तत्पश्चात कार्यक्रम के द्वितीय चरण में डॉ. नीता बाजपेयी  द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि हम स्वयंसेवक के रूप में देश के विकास में मदद करना है। उन्होंने कहा कि हम एन. एस. एस स्वयंसेवक के रूप में अनेक गतिविधियां करते हैं, उन सभी की रिपोर्ट हमें भारत सरकार को देना है।
 वही माननीय कुलसचिव  ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम क्या बनेंगे और हमारा महाविद्यालय, विश्वविद्यालय क्या बनेगा, यह हम निश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी को मिलकर अच्छे कार्य करना है और अपने विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों तक ले जाना है।
उन्होंने आगे कहा गया कि इस प्रकार के कार्यक्रम का उद्देश्य है कि जो हमारी समाज में परिवर्तन हो रहे हैं, उनको जानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एन. एस. एस. के स्वयंसेवक में वह गुण होता है जो परिवर्तन करा सकते हैं।

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