जीएसटी में सुधार एक नए युग की शुरुआत : अभिषेक शर्मा




अंबिकापुर - जीएसटी में लगातार किए जा रहे सुधारों में कर की दर का सरलीकरण एवं आम जनता तक कीमतों में कटौती करने की ऐतिहासिक पहल करते हुए जीएसटी सुधार के अंतर्गत जीएसटी की कर की दरों को 5 एवं 18 प्रतिशत तक करके सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है उपरोक्त सुधार पर टैक्स बार एसोसिएशन सरगुजा के अध्यक्ष एवं आर्थिक प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ के प्रदेश सह संयोजक अभिषेक शर्मा ने कहा कि 
पहले जीएसटी की 4 दरें (5, 12, 18 एवं 28 प्रतिशत) थीं अब केवल 5 एवं 18 मुख्यतः ही है, विलासिता की वस्तुओं एवं तंबाखू प्रोडक्ट्स एवं कुछ अन्य पर ही 40 प्रतिशत ही हैं।
 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा कदम केंद्र सरकार ने उठाया है।

दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली कुछ वस्तुओं पर शुन्य एवं स पर 5 प्रतिशत होने से सभी वस्तुओं का मूल्य कम होगा और जनता को राहत मिलेगी, इससे महंगाई कम होने के साथ msme सेक्टर को भी लाभ होगा, सकल घरेलू उत्पाद भी बढ़ेगा, लघु एवं कुटीर उद्योग के साथ छोटे व्यापारियों को भी राहत मिलेगी।।
रोटी चपाती में शुन्य दर और अन्य भोजन की सामग्री में 5 प्रतिशत, जीवन बीमा पॉलिसी कर मुक्त, कुछ आवश्यक दवाएं कर मुक्त, मेडिकल उपकरण में कम दर होने, एवं शिक्षण सामग्रियों को कर मुक्त करने से कीमत कम होने के साथ अनुपालन में भी कटौती आयेगी।
जीएसटी में सुधार के माध्यम से कर की दर कम होने के कारण घरेलू क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, उद्योग में प्रतिस्पर्धा कम होने के साथ msme को सहारा मिलेगा, नए उद्योग खुलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, निर्माण के क्षेत्र को गति मिलने के साथ कृषि के क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।

ट्रांसपोर्ट वाहन पर जीएसटी 18 प्रतिशत, एवं अन्य वाहनों पर 28 से 18 प्रतिशत होने से वाहनों के मुल्य में काफी कमी आएगी, जिससे आमजन को राहत मिलेगी।

वास्तव में सरकार के द्वारा लिया गया निर्णय सर्व हितैषी है इससे राजस्व में प्रारंभिक हानि जरूर होगी लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह सुधार देश को आर्थिक रूप से गति प्रदान करने में सहायक होगा।।

जीएसटी में नए फैसले से जीएसटी में अनुपालन का बोझ कम होने से व्यापार अब और सरलता एवं सुगमता से संचालित होगा, जीएसटी कौंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए निर्णय 22 सितंबर से प्रभावशाली होंगे।।

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