नाग पंचमी पर विशेष: शंकर जी के मंदिर में नाग देवता का आगमन



अंबिकापुर - अंबिकापुर के लूचकी घाट के समीप स्थित शंकर भगवान के मंदिर में नाग पंचमी के अवसर पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। भगवान शंकर के गले में विराजमान नाग देवता को देखने के लिए लोगों का तांता लग गया।
स्थानीय लोगों ने इस बात की सूचना स्नेक मैन सत्यम को दी, जिन्होंने नाग देवता को भगवान के गले में ही छोड़ देने की सलाह दी। उनका कहना था कि भीड़ कम होने पर नाग देवता अपने आप अपने परिवेश में चले जाएंगे।
हालांकि, बढ़ती भीड़ और सभी के आग्रह पर सत्यम ने नाग देवता को रेस्क्यू करने का निर्णय लिया। उन्होंने नाग देवता को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर शहर से लगे पिलखा पहाड़ में उनके प्राकृतिक परिवेश में छोड़ दिया।

इस दौरान लोगों ने नाग देवता की पूजा-अर्चना की और उनकी सुरक्षा की कामना की। स्नेक मैन सत्यम की इस पहल की लोगों ने सराहना की और उनका आभार व्यक्त किया।

नाग पंचमी की महत्ता-

नाग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। इस दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है और उनकी सुरक्षा की कामना की जाती है। यह त्योहार प्रकृति और जीव-जन्तुओं के प्रति सम्मान और आदर की भावना को बढ़ावा देता है।

स्नेक मैन सत्यम की भूमिका -

स्नेक मैन सत्यम ने नाग देवता को रेस्क्यू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी विशेषज्ञता और सावधानी ने नाग देवता की सुरक्षा सुनिश्चित की। उनकी इस पहल की लोगों ने सराहना की और उनका आभार व्यक्त किया।

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